sanjeev Dubey
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Friday, February 18, 2011
जब
मैं
अपने
पाँवों
पर
खड़ा
होने
की
कोशिश
कर
रहा
था
,
तुम्हारी
उंगलियाँ
पकड़कर
चलना
सीख
रहा
था
.
तुमने
छुड़ा
ली
अपनी
उंगलियाँ
मुझसे
,
चलना
तो
मैं
सीख
गया
हूँ
मगर
चलते
चलते
अब
भी
मैं
गिर
पड़ता
हूँ
.
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