मगर ऐसा हो ना सका
मैने तो ऐसा सोचा था की हमें
अपनी मोहब्बत का मुक़ाम मिल जाए
जवां दिलों की धड़कनों को
लुत्फ़ ओ करार मिल जाए
तुम्हे हमारा और मुझे
तुम्हारा साथ मिल जाए
मैने तो ऐसा सोचा था चाहा था मगर
ऐसा हो ना सका.
अब तो ये हाल है के
तुम मेरे साथ नही हो फिर भी
हर वक़्त हर पल मेरे साथ साथ रहती हो
कहीं भी चला जाऊं इस ज़माने में
तुम मेरे साथ साथ चलती हो
और रात की तनहाईयो में
मेरी अश्कों में तुम ही ढलती हो.
कौन कहता है की हम बिछड़े हैं?
ये कह हर खुद को तसल्ली देता हूँ
दिल ए मासूम कितने ही सवाल करता है
मेरे पास मगर उनका कोई जवाब नही
जी में आता है के कुछ कहूँ तुझसे
फिर ये अहसास के तू मेरे पास नही.
तुम नही हो ज़िंदगी से कोई शिकवा भी नही है
मगर ये लगता है तू है कहीं तो है
दिल ने चाहा था की तेरा साथ मिले
मैने भी सोचा था कि ऐसा हो..
मगर ऐसा हो ना सका......!
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